स्वास्थ्य चिंता (Health Anxiety)

Dr. Rameez Shaikh
3 min readMay 29, 2024

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स्वास्थ्य चिंता, जिसे हाइपोकॉन्ड्रिया भी कहा जाता है, एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के बारे में अत्यधिक चिंता होती है। इस स्थिति में व्यक्ति बार-बार सोचता है कि उसे गंभीर बीमारी हो सकती है, भले ही चिकित्सकीय जांच में कोई समस्या न पाई गई हो।

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स्वास्थ्य चिंता के कारण

  1. मनोवैज्ञानिक कारण:

· विगत अनुभव: अगर किसी व्यक्ति को पहले कभी गंभीर बीमारी हुई हो या उसके किसी करीबी को हुई हो, तो इसका प्रभाव हो सकता है।

· व्यक्तिगत प्रवृत्ति: कुछ लोग स्वभाव से ही अधिक चिंता करने वाले होते हैं।

2. पर्यावरणीय कारण:

· पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को स्वास्थ्य चिंता रही हो, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।

· मीडिया और इंटरनेट: स्वास्थ्य से संबंधित खबरें और जानकारी इंटरनेट पर पढ़ने से भी चिंता बढ़ सकती है।

स्वास्थ्य चिंता के लक्षण

  1. शारीरिक लक्षण:

· हृदय की धड़कन बढ़ना

· पसीना आना

· सांस लेने में कठिनाई

2. मनोवैज्ञानिक लक्षण:

· लगातार चिंता: अपने स्वास्थ्य को लेकर बार-बार सोचते रहना।

· अत्यधिक सतर्कता: सामान्य शारीरिक संवेदनाओं को गंभीर बीमारी के संकेत मानना।

· अधिक डॉक्टर विजिट: बार-बार डॉक्टर के पास जाना और टेस्ट कराना।

उदाहरण: दिल का दौरा (हार्ट अटैक) का डर

रवि नाम का एक व्यक्ति है, जो 35 वर्ष का है। उसे बार-बार दिल का दौरा पड़ने का डर सताता है। वह अक्सर महसूस करता है कि उसकी छाती में दर्द हो रहा है और उसे लगता है कि यह दिल का दौरा हो सकता है। वह इस डर से अक्सर डॉक्टर के पास जाता है, लेकिन हर बार उसकी सभी रिपोर्ट सामान्य आती हैं। इसके बावजूद, वह संतुष्ट नहीं हो पाता और सोचता रहता है कि डॉक्टर ने कुछ मिस कर दिया होगा।

उपचार

  1. संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT):

· विचार परिवर्तन: नकारात्मक और अत्यधिक चिंता वाले विचारों को पहचानकर उन्हें सकारात्मक और यथार्थवादी विचारों से बदलने में मदद करती है।

  • एक्सपोजर थेरेपी: धीरे-धीरे उन स्थितियों का सामना करना सिखाती है जिनसे व्यक्ति को डर लगता है, जैसे कि छाती में हल्का दर्द महसूस होने पर चिंता न करना।

2. दवा उपचार:

· एंटीडिप्रेसेंट्स: सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (SSRIs) जैसी दवाएँ चिंता को कम करने में सहायक हो सकती हैं।

· एंटी-एंग्जायटी मेडिकेशन: कभी-कभी डॉक्टर एंटी-एंग्जायटी दवाओं का भी सुझाव दे सकते हैं।

3. जीवनशैली में बदलाव:

· व्यायाम: नियमित व्यायाम चिंता को कम करने में मदद कर सकता है।

· योग और ध्यान: योग और ध्यान मन को शांत करने और चिंता को कम करने में प्रभावी हो सकते हैं।

· स्वस्थ आहार: संतुलित आहार और पर्याप्त नींद भी मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

4. समर्थन समूह:

· सपोर्ट ग्रुप: दूसरों से अपनी चिंता और अनुभव साझा करने से राहत मिल सकती है।

· मनोवैज्ञानिक सलाहकार: मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लेना भी लाभकारी हो सकता है।

रवि का उपचार

रवि को उसकी स्वास्थ्य चिंता से निपटने के लिए निम्नलिखित उपचार दिए जा सकते हैं:

  1. CBT: रवि को सीबीटी के माध्यम से सिखाया जाएगा कि कैसे अपने नकारात्मक विचारों को पहचानकर उन्हें सकारात्मक विचारों से बदलें। उदाहरण के लिए, जब वह छाती में दर्द महसूस करे, तो उसे सिखाया जाएगा कि यह हमेशा दिल का दौरा नहीं होता और इसे अन्य कारणों से भी हो सकता है।
  2. दवा: यदि रवि की चिंता बहुत अधिक हो और सीबीटी से पूरी तरह से लाभ न हो, तो उसे डॉक्टर एंटीडिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जायटी मेडिकेशन लिख सकते हैं।
  3. जीवनशैली में बदलाव: रवि को नियमित व्यायाम करने, स्वस्थ आहार लेने और पर्याप्त नींद लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही, उसे योग और ध्यान करने की सलाह दी जाएगी।
  4. समर्थन: रवि को स्वास्थ्य चिंता के लिए सपोर्ट ग्रुप में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जहाँ वह अपने अनुभव साझा कर सकता है और दूसरों से सीख सकता है।

रवि को यह समझना आवश्यक है कि उसकी चिंताएँ वास्तविक हो सकती हैं, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि वे हमेशा गंभीर हों। सही उपचार और समर्थन के साथ, वह अपनी स्वास्थ्य चिंता को प्रबंधित कर सकता है और सामान्य जीवन जी सकता है।

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Dr. Rameez Shaikh
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Written by Dr. Rameez Shaikh

Consultant Psychiatrist, Psychotherapist and Sexologist at Mind & Mood Clinic, Nagpur

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